हाँ! मैं जिंदगी जी रहा हूँ . . अपने किरदार से कही पर गुमराह हाे रहा हूँ, ये मुश्किले, ये लम्हे, ये करवटे, इन सबको पिछे छाेड खुदकाे संवर रहा हूँ, हाँ में जिंदगी जी रहा हूँ| चलते चलते,दाैडते दाैडते, रुकते रूकते सपनाे काे अंन्जाम दे रहा हूँ, हाँ अंधेराें में भी किताबों के साथ राेशनी के ख्वाब देख रहा हूँ हाँ मैं जिंदगी जी रहा हूँ| हाैसलाे के साथ, रिश्ताें के साथ, अपनाे के साथ, खुदकाे खुद से मिलाने कि साजिश कर रहा हूँ, हाँ मैं जिंदगी जी रहा हूँ| सपनाे काे सच करने, अपने अल्फाजाे का मुकम्मल करने, निकल पडा हूँ याराे, हाँ मैं अपनी जिंदगी कुछ एैसे ही जी रहा हूँ, हाँ मैं जिंदगी जी रहा हूँ|
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